Pilgrimage in India -मुख्य धार्मिक स्थल

उज्जैन में शिप्रा नदी के निकट स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे प्रसिद्ध है. पौराणिक मान्यता के अनुसार सच्चे मन से स्वयंभू भगवान महाकालेश्वर की पूजा-अर्चना करनेवाले मनुष्य का काल भी कुछ नहीं बिगाड़ता पाते. कहते हैं आकाश में तारक लिंग पाताल में हाटकेश्वर लिंग और धरती पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग हैं. महाकालेश्वर में प्रतिदिन अलसुबह होनेवाली भस्म आरती के बारे में एक मान्यता यह भी है कि इसको देखे बिना भगवान का दर्शन अधूरा होता है. सोमवती आमवस्या के दिन यहां पूजा करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है.

एक किंवदंती के अनुसार उज्जैन में एक समय चंद्रसेन नामक शिवभक्त राजा था. एक पांच वर्षीय गोप बालक ने जब उसे शिव अर्चना करते देखा तब उससे इतना प्रभावित हुआ कि उसने भी अपने घर में पत्थर का एक टुकड़ा स्थापित करके भगवान शिव की अर्चना शुरू कर दी. वो उसमें इतना मग्न हो गया कि खाना-पीना भी भूल गया. गुस्से में उसकी मां ने पत्थर के टुकड़े को फेंक दिया. इसपर बालक रोने लगा और रोते हुए उसने भगवान शंकर को पुकारना शुरू कर दिया. रोते-रोते बालक बेहोश हो गया. होश आने पर देखता है कि वहां महाकाल का दिव्य मंदिर खड़ा है और उसमे उसके भोला नाथ भगवान शिव का रत्नमय लिंग प्रतिष्ठित हुआ है. उसी समय भगवान हनुमान वहां प्रकट हुए और बताया कि इस बालक की आठवीं पीढ़ी में नंद गोप के घर स्वयं नारायण श्रीकृष्ण रूप में आएंगे. कहते हैं कि स्वयं भगवान आशुतोष द्वारा स्थापित शिवलिंग ही महाकालेश्वर है.

 

State : Madya Pradesh
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