सुन्दरकाण्ड - सुन्दरकाण्ड
भाग - 2

दो0 - हनूमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम ।
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि  कहाँ बिश्राम ।। 1 ।।

जात पवनसुत देवन्ह देखा । जानैं कहुँ बल बुद्धि बिसेषा।।
सुरसा नाम अहिन्ह  कै माता । प इन्हि आइ कही तेहिं बाता ।।
आजु सुरन्ह मोहि दीन्ह अहारा । सुनत बचन कह पवनकुमारा ।।
राम काजु करि फ़िरि  मैं आवौं । सीता कइ सुधि प्रभुहि सुनावौं ।।
तब तव  बदन पै िहउँ आई । सत्य कहउँ मोहि जान दे माई ।।
कवनेहुँ जतन देइ नहिं जाना । ग्रससि न मोहि कहेउ हनुमाना ।।
जोजन भरि तेहिं बदनु पसारा । कपि तनु कीन्ह दुगुन बिस्तारा ।।
सोरह जोजन मुख तेहिं यऊ । तुरत पवनसुत बत्तिस भयऊ ।।
जस जस सुरसा बदनु बढ़ावा । तासु दून कपि रूप देखावा ।।
सत जोजन तेहिं आनन कीन्हा । अति लघु रूप पवनसुत लीन्हा ।।
बदन पइ ि पुनि बाहेर आवा । मागा बिदा ताहि सिरू नावा ।।
मोहि सुरन्ह जेहि लागि प ावा । बुधि बल मरमु तोर मैं पावा ।।

Sun Sign Details

Aries

Taurus

Gemini

Cancer

Leo

Virgo

Libra

Scorpio

Sagittarius

Capricorn

Aquarius

Pisces
Free Numerology
Enter Your Name :
Enter Your Date of Birth :
Ringtones
Find More
Copyright © MyGuru.in. All Rights Reserved.
Site By rpgwebsolutions.com