श्री साईं बाबा जी के ग्यारह वचन Shri Sai Baba Ji Ke Gyarha Vachan
  • जो शिरडी में आएगा| आपद दूर भगाएगा|
     
  • चढ़े समाधि की सीढ़ी पर| पैर तले दुःख की पीढ़ी कर|
     
  • त्याग शरीर चला जाऊँगा| भक्त हेतु दौड़ा आऊँगा|
     
  • मन में रखना दृढ़ विश्वास| करे समाधि पूरी आस|
     
  • मुझे सदा जीवित ही जानो| अनुभव करो सत्य पहचानो|
     
  • मेरी शरण आ खाली जाये| हो तो कोई मुझे बताये|
     
  • जैसा भाव रहा जिस जन का| वैसा रूप हुआ मेरे मन का|
     
  • भार तुम्हारा मुझ पर होगा| वचन न मेरा झूठा होगा|
     
  • आ सहायता लो भरपूर| जो माँगा व नहीं है दूर|
     
  • मुझमें लीन वचन न काया| उसका ऋण न कभी चुकाया|
     
  • धन्य धन्य व भक्त अनन्य| मेरी शरण तज जिसे न अन्य|
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