भगवान शिव के अर्धनारीश्वररूप का आध्यात्मिक रहस्य
भगवान शिव का अर्धनारीश्वररूप जगत्पिता और जगन्माता के सम्बन्ध को दर्शाता है। सत्-चित् और आनन्द–ईश्वर के तीन रूप हैं। इनमें सत्स्वरूप उनका मातृस्वरूप है, चित्स्वरूप उनका पितृस्वरूप है और उनके आनन्दस्वरूप के दर्शन अर्धनारीश्वररूप में ही होते हैं, जब शिव और शक्ति दोनों मिलकर पूर्णतया एक हो जाते हैं। सृष्टि के समय परम पुरुष अपने ही वामांग से प्रकृति को निकालकर उसमें समस्त सृष्टि की उत्पत्ति करते हैं। शिव गृहस्थों के ईश्वर और विवाहित दम्पत्तियों के उपास्य देव हैं क्योंकि अर्धनारीश्वर शिव स्त्री और पुरुष की पूर्ण एकता की अभिव्यक्ति हैं। संसार की सारी विषमताओं से घिरे रहने पर भी अपने मन को शान्त व स्थिर बनाये रखना ही योग है। भगवान शिव अपने पारिवारिक सम्बन्धों से हमें इसी योग की शिक्षा देते हैं। अपनी धर्मपत्नी के साथ पूर्ण एकात्मकता अनुभव कर, उसकी आत्मा में आत्मा मिलाकर ही मनुष्य आनन्दरूप शिव को प्राप्त कर सकता है।
क्यों हुआ अर्धनारीश्वर अवतार?
भगवान शिव का अर्धनारीश्वरस्वरूप ब्रह्माजी की कामनाओं को पूर्ण करने वाला है। पुराणों के अनुसार लोकपितामह ब्रह्माजी ने सनक-सनन्दन आदि मानसपुत्रों का इस इच्छा से सृजन किया कि वे सृष्टि को आगे बढ़ायें परन्तु उनकी प्रजा की वृद्धि में कोई रुचि नहीं थी। अत: ब्रह्माजी भगवान सदाशिव और उनकी परमाशक्ति का चिंतन करते हुए तप करने लगे। इस तप से प्रसन्न होकर भगवान सदाशिव अर्धनारीश्वर रूप में ब्रह्माजी के पास आए और प्रसन्न होकर अपने वामभाग से अपनी शक्ति रुद्राणी को प्रकट किया। वे ही भवानी, जगदम्बा व जगज्जननी हैं। ब्रह्माजी ने भगवती रुद्राणी की स्तुति करते हुए कहा–
’हे देवि!
आपके
पहले
नारी
कुल
का
प्रादुर्भाव
नहीं
हुआ
था,
इसलिए
आप
ही
सृष्टि
की
प्रथम
नारीरूप,
मातृरूप
और
शक्तिरूप
हैं।
आप
अपने
एक
अंश
से
इस
चराचर
जगत्
की
वृद्धि
हेतु
मेरे
पुत्र
दक्ष
की
कन्या
बन
जायें।’
ब्रह्माजी
की
प्रार्थना
पर
देवी
रुद्राणी
ने
अपनी
भौंहों
के
मध्य
भाग
से
अपने
ही
समान
एक
दिव्य
नारी-शक्ति
उत्पन्न
की,
जो
भगवान
शिव
की
आज्ञा
से
दक्ष
प्रजापति
की
पुत्री ‘सती’ के
नाम
से
जानी
गयीं।
देवी
रुद्राणी
पुन:
महादेवजी
के
शरीर
में
प्रविष्ट
हो
गयीं।
अत:
भगवान
सदाशिव
के
अर्धनारीश्वररूप
की
उपासना
में
ही
मनुष्य
का
कल्याण
निहित
है।
Posted Comments |
" जीवन में उतारने वाली जानकारी देने के लिए धन्यवाद । कई लोग तो इस संबंध में कुछ जानते ही नहीं है । ऐसे लोगों के लिए यह अत्यन्त शिक्षा प्रद जानकारी है ।" |
Posted By: संतोष ठाकुर |
"om namh shivay..." |
Posted By: krishna |
"guruji mein shri balaji ki pooja karta hun krishna muje pyare lagte lekin fir mein kahi se ya mandir mein jata hun to lagta hai har bhagwan ko importance do aur ap muje mandir aur gar ki poja bidi bataye aur nakartmak vichar god ke parti na aaye" |
Posted By: vikaskrishnadas |
"वास्तु टिप्स बताएँ ? " |
Posted By: VAKEEL TAMRE |
""jai maa laxmiji"" |
Posted By: Tribhuwan Agrasen |
"यह बात बिल्कुल सत्य है कि जब तक हम अपने मन को निर्मल एवँ पबित्र नही करते तब तक कोई भी उपदेश ब्यर्थ है" |
Posted By: ओम प्रकाश तिवारी |
Vegetarian Recipes | |
» | Vegetable Korma |
» | ALOO BAIGAN RECIPE |
» | ALOO METHI RECIPE |
» | Buckwheat Dosa |
» | Empanadas |
» | Faraali Idli Sambhar |
» | Callaloo with Hot Pepper Vinegar |
» | STUFFED CAPSICUM RECIPE |
More |
Upcoming Events | |
» | Purnima Vrat Dates 2021, 26 February 2021, Friday |
» | Maghi Purnima 2021, 27 February 2021, Saturday |
» | February 2021 Festivals, 28 February 2021, Sunday |
» | Chaturthi Fast Dates 2021, 1 March 2021, Monday |
» | Kalashtami Dates 2021, 5 March 2021, Friday |
» | Vijaya Ekadashi, 9 March 2021, Tuesday |
More |
![]() |
Indoor Water Fountains |
![]() |
Feng Shui tips for Love and Romance |
![]() |
Lasting Romance, Wealth And A life Full Of Beauty and Luxury |
View all |
![]() |
धन समृधि के अचूक टोटके |
![]() |
धन प्राप्ति के लिए माँ लक्ष्मी अनुष्ठान प्रयोग |
![]() |
How to get rid of Rin |
![]() |
किन लोगों को शनिदेव बनाते है धनी |
![]() |
दीपावली पर धन प्राप्ति के चमत्कारी प्रयोग |
View all Remedies... |
![]() Ganesha Prashnawali |
![]() Ma Durga Prashnawali |
![]() Ram Prashnawali |
![]() Bhairav Prashnawali |
![]() Hanuman Prashnawali |
![]() SaiBaba Prashnawali |
|
|
Dream Analysis | |