Home » Article Collection » सच्ची सफलता और सुखी जीवन के चार दिव्य सूत्र

सच्ची सफलता और सुखी जीवन के चार दिव्य सूत्र

 
संसार परिवर्तन शील है जो समय के साथ साथ बदलता रहता है कभी व्यक्ति सबकुछ त्याग कर संन्यास तक धारण कर लेता था। मगर आज समय काफी अधिक परिवर्तित हो चुका है अब हर वक्त लोग धन, संपत्ति, दौलत, शोहरत के पीछे भाग रहे होते हैं। सबको आजकल बस केवल दौलत ही चाहिए। लाइफ में बाकी कुछ मिले, या न मिले, विद्या, उत्तम संस्कार, सच्चे सम्बन्ध भले ही मिले मगर सबको आजकल सबसे पहले संपत्ति जरूर मिलनी चाहिए। हालांकि धन, वैभव, संपत्ति जीवन की आवश्यकता है और व्यक्ति इनसे विरक्त नहीं हो सकता। मगर जब व्यक्ति आवश्यकता के लिए नैतिकता से समझौता कर लेता है और झूठ, छल - कपट, चोरी, बेईमानी, लूट - मार तक को संपत्ति कमाने का साधन बना लेता है। अन्याय करने से भी जब व्यक्ति गुरेज नहीं करता और संपत्ति कमाने के लिए सब कुछ कर जाता है, तो ये व्यव्हार और सोच व्यक्ति को जिंदगी में क्षणिक सफलता दिला सकते है मगर इनके दूरगामी परिणाम बहुत बुरे होते है। ऐसा करके व्यक्ति कभी भी जीवन में सुख प्राप्त नहीं कर सकता है।

पहला सूत्र - धन, संपत्ति, विद्या और वैराग्य ही जीवन की प्रमुख आवश्यकता है। जिससे जीवन में सच्ची सफलता, सुख, शांति और आनंद मिलता है। सुखदायक संपत्ति तो सच्चाई और ईमानदारी से भी कमाई ही जाती है। ईमानदारी से भी धन, संपत्ति इतनी तो मिल ही जाती है, कि इंसान का जीवन सुविधापूर्वक बीत जाये।

दूसरा सूत्र - आजकल लोगों में सहनशक्ति की भी बहुत ही अधिक कमी हो गयी है। जो कि जिंदगी में संबंधों की सुरक्षा और लम्बी आयु के लिए बहुत बड़ी आवश्यकता है। सहनशक्ति न होने की वजह से हर रोज लोगो के संबंध बिखर रहे हैं। चाहे परिवार हो, या रिश्तेदारी या फिर अन्य ही कोई संबंध हो, उन सबकी सुरक्षा और स्थायित्व के लिए सहनशक्ति बहुत ही ज्यादा जरूरी है।

तीसरा सूत्र - एक सूंदर व्यक्तित्व के लिए सर्वोच्चम टॉनिक है, आनंदमयता। सदैव खुश बने रहना जीवन से सबसे अच्छे स्वास्थ्यवर्धक का काम करता है। यदि कोई खुद को योग्य या एनर्जैटिक महसूस कराना चाहता है तो उसको हमेशा खुश रहने का अभ्यास करना चाहिए।

चौथा सूत्र - यदि शरीर और आत्मा में शक्ति चाहिए, तो व्यक्ति की भगवान में श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए। इसकी भी आजकल लोगों में बहुत ही अधिक कमी देखी जाती है। आजकल व्यक्ति में विशवास की बहुत कमी होती है और वह बहुत जल्दी निराश, हताश और क्रोधित हो जाता है।  

आजकल सभी लोग इंसानो या भौतिक साधनों पर जो कि नश्वर है, तो विशवास करते हैं, मगर सर्वदा सत्य भगवान पर विशवास नहीं करते है। यही सबसे बड़ा कारण है कि आजकल लोग चिंता, तनाव, पाप कर्मों आदि से ग्रस्त रहते हैं। चिंताओं से मुक्ति के लिए, पाप कार्यो से बचने के लिए यदि कोई साधन है तो वो है सर्वोच्च शक्ति भगवान का विश्वास

ये उपरोक्त चार ऐसे दिव्य सूत्र है जिन्हे धारण करने से व्यक्ति का जीवन निश्चित रूप से तनाव मुक्त, आनंदित एवं विजयी हो जाएगा। किन्तु हर समय लोग धन संपत्ति के पीछे दौड़ते रहते हैं। उनको जीवन में केवल संपत्ति ही चाहिए।

असली धन संपत्ति विद्या और वैराग्य है। जिससे जीवन की सफलता सुख शांति और आनंद मिलता है। सुखदायक संपत्ति तो ईमानदारी से कमाई जाती है। ईमानदारी से धन संपत्ति इतनी तो मिल ही जाती है, कि इंसांन का जीवन ठीक-ठाक चल जाए।
Comment
 
Name:
Email:
Comment:
Posted Comments
 
" जीवन में उतारने वाली जानकारी देने के लिए धन्यवाद । कई लोग तो इस संबंध में कुछ जानते ही नहीं है । ऐसे लोगों के लिए यह अत्यन्त शिक्षा प्रद जानकारी है ।"
Posted By:  संतोष ठाकुर
 
"om namh shivay..."
Posted By:  krishna
 
"guruji mein shri balaji ki pooja karta hun krishna muje pyare lagte lekin fir mein kahi se ya mandir mein jata hun to lagta hai har bhagwan ko importance do aur ap muje mandir aur gar ki poja bidi bataye aur nakartmak vichar god ke parti na aaye"
Posted By:  vikaskrishnadas
 
"वास्तु टिप्स बताएँ ? "
Posted By:  VAKEEL TAMRE
 
""jai maa laxmiji""
Posted By:  Tribhuwan Agrasen
 
"यह बात बिल्कुल सत्य है कि जब तक हम अपने मन को निर्मल एवँ पबित्र नही करते तब तक कोई भी उपदेश ब्यर्थ है"
Posted By:  ओम प्रकाश तिवारी
 
Upcoming Events
» , 10 May 2024, Friday
» , 10 May 2024, Friday
» , 23 May 2024, Thursday
» , 24 May 2024, Friday
» , 6 June 2024, Thursday
» , 6 June 2024, Thursday
Prashnawali

Ganesha Prashnawali

Ma Durga Prashnawali

Ram Prashnawali

Bhairav Prashnawali

Hanuman Prashnawali

SaiBaba Prashnawali
 
 
Free Numerology
Enter Your Name :
Enter Your Date of Birth :
 
Dream Analysis
Dream
  like Wife, Mother, Water, Snake, Fight etc.
 
Copyright © MyGuru.in. All Rights Reserved.
Site By rpgwebsolutions.com