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Raja Mordhwaj राजा मोरध्वज

Raja Mordhwaj राजा मोरध्वज
जब योगीराज श्री कृष्ण महाभारत का युद्ध समाप्त होने पर अपने भक्त मोरध्वज की परीक्षा लेना चाहते हैं जिसमें कृष्ण ने अर्जुन के साथ शर्त लगायी थी कि तुम से भी बड़ा मेरा एक भक्त है और वह है मोरध्वज। उन्होंने राजा मोरध्वज के पास ऋषिवेश में पहुंचकर कहा कि महाराज मेरा शेर भूखा है और यह नरभक्षी है।

राजा ने कहा कि ठीक है मै अपने मांस से इसकी भूख को शान्त कर देता हूं तो उन्होंने कहा कि नहीं यह तो किसी बच्चे का मांस खाता है तो राजा मोरध्वज ने अपने बच्चे का मांस खिलाना उचित समझा। तब कृष्ण ने कहा कि आप दोनों पति-पत्नि अपने पुत्र का सिर काटकर मांस खिलाओं अगर इस बीच तुम्हारा एक भी आंसू निकला तो यह नहीं खायेगा। इस प्रकार राजा और रानी ने अपने पुत्र का सिर काटकर शेर के आगे डाल दिया। तब कृष्ण ने राजा मोरध्वज को आर्शीवाद दिया तथा उनका पुत्र पुर्नजीवित हो गया। इस प्रकार राजा ने अपने भक्त की परीक्षा ली।
 
Comments:
 
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Posted By:  Priyanshu
 
"बहुत अच्छी जानकारी है"
Posted By:  Anshu Rathore
 
"राजा के पुत्र का नाम रतन कुँवर था और ये राजस्थान में जयपुर से100 kmदौसा से आगे गढ़मोरां गाँव में है जहाँ 1 पवित्र कुंड भी है जिसका पानी चंद्रमा के जैसा सुन्दर है .....shyam shastri 9887111972"
Posted By:  श्याम शास्त्री
 
"Hinduo ko danwirta ka path in jaise mahatmao se hi to mila hai, jai ho raja ji ki !"
Posted By:  Kisan Mittal
 
"raja mordhwaj ke putra ka kya naam tha aur yeh ghatna kis hindu granth me hai I WANT TO KNOW"
Posted By:  sushil
 
"AISE BHKT KI BHAKTI SUN KAR RONGTE KHDE HO JATE HAI BHAGWAN BHI IN K SAMNE NATMASTAK HO JATE HAI"
Posted By:  MOOLSINGH RATHORE
 
"ASE VEER BHAKT KEVAL HINDU DHARM ME HI HO SAKTE HAI JO ITNI KATHIN PARIKSHA DE SAKE"
Posted By:  PARAM
 
 
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