Home » Essays Collection » Diwali Essay

Diwali Essay

Diwali Essay

Deepavali - the most famous festival of Hindus, the festival of joy and Happiness. Diwali is a five-day festival, beginning on the New Moon Day (Amavasya) 15th day of the Hindu calendar month of Kartika (Ashwin). This is celebrated when the elder son of King Dashrath,  Shri Ram comeback with his wife Seeta and brother Lakshman after 14 years long exile (forest habitat).

The resident light innumerable lamps on the way of the price and celebrate the happiness. They lightened lamps for the whole dark night of the new Moon (Amavasya).

Diwali is celebrated for 5 days, known as Dhan Teras, Narak Chaudas, Deepavali, Govardhan Pooja and Bhaiya Dooj.

According to a popular legend, when the Gods and demons churned the ocean for Amrita or nectar, Goddess of Wealth and Prosperity Devi Lakshhami and Dhanvantari (the physician of the Gods and an incarnation of Lord Vishnu) emerged carrying a pot of the elixir on the day of Dhanteras.

On the same day the Lord Shri Krishna slaughter the tyrannical King Narkasur. His death bring happiness into the city and they celebrated his death with lighted lamps, and pay thanks to the Lord Shree Krishna. Shri Krishna shower blessings to the citizens.

According to another story the Lord Shri Vishnu take incarnation to release his devotee Prahlad and his citizens from the shackle of the King Hiranyakashyap. The Lord Vishnu appears from the pole, and slaughter the oppressive King Hiranyakashyap.

The same day maa Durga kill the sinner mahishasur and gave him emancipation.

On this day the Lord Krishana shows the deity king Indra his place. When the deity king started huge rain on Brijbhomi  after getting angry on the citizens. Struck with terror, the brij residents came to the Krishna for help to save them. Then The Great Lord Shri Krishna raise the mount Govardhan on his small finger, and gave shelter to the citizen below the mountain. Now the King Indra understands his mistake and pay repentance to the Lord Krishna.

दीपावली - दिवाली

हिन्दुओ का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार दीपावली यानी खुशियों का पर्व। शरद ऋतू के प्रारंभ में कार्तिक मास की सघन अमावस्या को दीपमालाओ से अलंकृत यह त्यौहार मनाया जाता है महाराज दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र भगवान् श्री राम के 14  वर्षो के कठिन वनवास के बाद माँ सीता तथा श्री लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटने की ख़ुशी मे।

अयोध्या वासियों ने अपने प्रिय राजकुमार भगवान् श्री राम के वापस अयोध्या लौटने की ख़ुशी में पूरी अयोध्या को घी के दीपक जलाकर दीपमालाओ से सजाकर सुसज्जित कर दिया, तथा पूरी अयोध्या झिलमिल रौशनी से जगमगा उठी।

दीपावली का त्यौहार ५ दिन तक मनाया जाता है। जो धन तेरस, नरक चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज के नाम से प्रसिद्ध है।

कहा जाता है की इसी दिन समुद्र मंथन के समय समस्त धन व ऐश्वर्य के साथ देवी महालक्ष्मी व धन्वन्तरि जी अमृत से भरा कलश लेकर मानव जाती के कल्याण के लिए समुद्र से प्रकट हुए थे।
 
इसी दिन भगवान् श्री कृष्ण ने अधर्मी व अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया। उस राजा के वध की सूचना से नगर के लोगो में हर्ष व्याप्त हो गया तथा उन्होंने नगर भर में दीये जलाकर हर्ष प्रकट किया। तथा भगवान् श्री कृष्ण का धन्यवाद और आभार प्रकट किया। भगवान श्री कृष्ण ने नगर वासियों को अपने आशीर्वाद से अविभूत किया।
 
अन्य कथा के अनुसार भक्त प्रह्लाद को उसके पिता तथा उसकी प्रजा को उसके राजा से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान् विष्णु ने स्वयं नरसिंह अवतार धारण किया।  भक्त प्रह्लाद के अत्याचारी पिता हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए भगवान विष्णु खम्बे को चीर कर प्रकट हुए। तथा हिरण्यकश्यप का वध किया।  

माँ दुर्गा जी इसी दिन पापी महिषासुर का वध कर उसे मुक्ति दी।  

इसी दिन भगवन श्री कृष्ण ने देवराज इंद्र के अभिमान को चूर किया। जब देवराज इंद्र ने ब्रिज् वासियो  से रुष्ट हो कर उन पर प्रलयंकारी वर्षा आरम्भ कर दी। इस वर्षा से भयभीत हो कर ब्रज वासी श्री कृष्ण के पास आये और रक्षा की याचना की। तब भगवन श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठा कर ब्रज के वासियों की रक्षा की। इस प्रकार देवराज का अभिमान टूट गया तथा उन्होंने श्री कृष्ण से अपनी भूल का पश्चाताप किया।

Festival Calendar
 
Sun Sign Details

Aries

Taurus

Gemini

Cancer

Leo

Virgo

Libra

Scorpio

Sagittarius

Capricorn

Aquarius

Pisces
Free Numerology
Enter Your Name :
Enter Your Date of Birth :
 
Dream Analysis
 
 
 
Copyright © MyGuru.in. All Rights Reserved.
Site By rpgwebsolutions.com