भगवान धन्वन्तरि का संपूर्ण पूजनादि कृत्य भगवान विष्णु के मंत्रों या पुरुष सूक्त से ही करना चाहिए। साथ ही विष्णु मंत्रों का जप एवं उनकी दिव्य कथाओं का श्रवण भी करना चाहिए। निम्नलिखित मंत्रों से भी पूजन कर जप व यज्ञ कार्य को पूर्ण करें। दिन व रात्रि में भगवन्ताम संकीर्तन भी करें।


