शरद पूर्णिमा उत्सव का हिन्दूओं के जीवन में काफी महत्व है, शरद पूर्णिमा की रात को सबसे अधिक खूबसूरत रात कहा जाता है, लोग तो यहाँ तक कहते है कि यह रात इतनी मनोरम होती है कि देवता स्वंय पृथ्वी पर आकर इस रात को देखना पसंद करते हैं। धार्मिक आस्था है कि शरद पूर्णिमा के दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है।
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या कुमार पूर्णिमा भी कहा जाता है। यह प्रत्येक वर्ष हिंदू चंद्र माह आश्विन (सितंबर-अक्टूबर) के पूर्णिमा के दिन पड़ती है।
शरद पूर्णिमा का महत्व : सभी पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा का अपना अलग ही महत्व है। शारदीय नवरात्रि के समाप्त होने के पश्चात शरद पूर्णिमा आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के चार माह के शयनकाल का यह आखिरी चरण होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चांद अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर रातभर अपनी किरणों से अमृत की वर्षा करता है।
शरद पूर्णिमा में शरद का अर्थ वर्ष के शरद ऋतु (मौसम) से है। मूल रूप से फसल उत्सव व् इसके धार्मिक प्रारूप के कारण अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह माना जाता है कि इस रात्रि में कोजागरी से माँ लक्ष्मी पृथ्वी का दौरा करती हैं और देखती हैं कि कौन जाग रहा है और उन व्यक्तियों के पक्ष में है जिन्हें सचेत किया गया है। इन कारणों से, भक्त इस रात को आराम नहीं करते हैं और पूरी रात भजन-कीर्तन और भगवान का स्मरण करते हैं।
क्यों मनाई जाती है शरद पूर्णिमा?
पौराणिक लोककथाओं के अनुसार, इस दिन देवी लक्ष्मी घरों का भृमण करती हैं और फिर यदि वह किसी व्यक्ति को जगा हुआ पाती है, तो वह उस पर अपनी कृपा दृष्टि बनायें रखती है। इसी से जुड़ी एक लोकप्रिय कथा भी है जिसमें यह कहा गया है कि एक बार एक राजा था जिस पर भयानक वित्तीय समस्याएं आयी थीं, इसलिए उसकी रानी ने व्रत रखना आरम्भ कर दिया और माँ लक्ष्मी से अपनी समस्या की कामना लिए पूजा अर्चना करने लगी। वह पूरी रात माँ लक्ष्मी का ध्यान करती रही और सुबह तक देवी लक्ष्मी ने राजा को फिर से समृद्ध बना दिया।
शरद पूर्णिमा पूजा विधि :
1. शरद पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पूर्व उठें उसके बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. इसके बाद एक आसन पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी को स्थापित करें। मां लक्ष्मी को स्थापित करने के उपरान्त उन्हें लाल पुष्प, नैवैद्य, इत्र, आदि जैसी सुगंधित चीजें आदि चढांए।
3. इसके बाद लक्ष्मी जी के मंत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। इसके उपरान्त मां लक्ष्मी की धूप व दीप से आरती उतारकर उन्हें खीर का भोग लगाएं।
4. इसके बाद किसी ब्राह्मण को खीर अवश्य खिलाएं और रात के समय इस खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखें ।
5. खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखने के बाद अगले दिन उस खीर को स्वंय भी खाएं और परिवार के लोगों में भी वितरित करें।
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Sharad Purnima festival has great importance in the life of Hindus, Sharad Purnima night is called the most beautiful night, people even say that this night is so captivating that the gods themselves would like to come to earth and see this night. Are Religious belief is that on the day of Sharad Purnima, there is a rain of nectar from the sky.
Sharad Purnima is also called Kojagari Purnima or Kumar Purnima. It falls on the full moon day of the Hindu lunar month Ashwin (September-October) every year.
Importance of Sharad Purnima :
Sharad Purnima has its own significance in all the full moon days. Sharad Purnima comes after the end of Sharadiya Navratri. According to Hindu calendar, Sharad Purnima is celebrated on the full moon date of Ashwin month. According to mythological beliefs, this is the last phase of the four-month bed of Lord Vishnu on Sharad Purnima. It is believed that on this day, the moon, after completing its 16 arts, showers nectar with its rays throughout the night.
Sharad Purnima means Sharad (season) of the year. Originally harvest festival is highly important due to its religious design. It is believed that on this night, Mother Lakshmi from Kojagari visits the Earth and sees who is awake and in favor of those who have been warned. For these reasons, the devotees do not rest on this night and remember Bhaja -Kirtan and God all night.
Why is Sharad Purnima celebrated?
According to mythological folklore, on this day Goddess Lakshmi visits the house and then if she finds a person awake, she maintains her grace on it. There is also a popular legend related to this, in which it is said that once there was a king who had terrible financial problems, his queen started fasting and prayed to Goddess Lakshmi to wish her problems. She kept meditating on Goddess Lakshmi all night and by morning Goddess Lakshmi made the king rich again.
Sharad Purnima Pooja Vidhi
1. Get up before sunrise on Sharad Purnima, after that take bath and wear clean clothes.
2. After this, install Goddess Lakshmi by laying a red cloth on a pedestal. After installing Maa Lakshmi, she should offer fragrant things like red flowers, naivedya, perfume etc.
3. After this recite the mantra of Lakshmi ji and Lakshmi Chalisa. After this, take the aarti from the incense and lamp of Goddess Lakshmi and offer Kheer to them.
4. After this, definitely feed Kheer to a Brahmin and keep this Kheer in the light of the moon at night.
5. After keeping the kheer under the light of the moon, eat that kheer on your own the next day and distribute it among the family members.